Sunday, April 12, 2009

रंगमिजाज स्वभाव का नेता , महंत और महाजन

कुछ दिनों पहले एक महंत की कहानी यहाँ प्रस्तुत की गयी थी, आज एक महाजन की कहानी पढिये,
ये दोनों ही आधुनिक हिंदुत्वा के मुखोटे हे, हिंदुत्वा को उन्हों ने कहाँ से कहाँ पंहुचा दिया ये अब सब के सामने आने लगा हे, लगता हे बी जे पि में और आर एस एस में चरित्र नाम की कोई चीज़ बाकि नही रही,
गुजरात में कुछ सआल पहले संघ के एक नेता जोशी की सी दी आई थी, उस में भी चरित्र हीनताकी दास्तान थी,
एकलव्य गुप्ता, का परनाम,
रंगमिजाज स्वभाव का नेता
विडियो देखे,
आजतक, रविवार , 12 अप्रैल 2009
अपने भाई प्रमोद महाजन की हत्या के मामले में आजीवान कारावास की सजा काट रहे प्रवीण महाजन ने जेल में एक किताब लिख डाली है। इस किताब पर अभी से विवाद खड़ा होना शुरू हो गया है.
प्रमोद के भाई प्रकाश महाजन ने प्रमोद को अच्‍छे चरित्र का व्‍यक्ति करार देते हुए इस मामले को कोर्ट में जे जाने की धमकी दी है। प्रवीण ने इस किताब को माझा अलबम यानी मेरा अलबम नाम दिया है। जेल में लिखी इस किताब में प्रवीण महाजन ने खासकर 22 अप्रैल 2006 का जिक्र किया है, जिस दिन प्रमोद महाजन पर हमला हुआ। प्रवीण ने अपनी किताब में लिखा है कि उस दिन उनके भाई प्रमोद महाजन के घर पर असलयित में क्या हुआ ये कभी दुनिया के सामने नहीं आ पाएगा. प्रवीण महाजन ने इस किताब में अपने स्वभाव के बारे में तो लिखा ही है, अपने दिवंगत भाई प्रमोद महाजन के आचरण पर भी सवाल उठाया है. प्रवीण ने प्रमोद महाजन को भाजपा का बड़ा नेता तो बताया ही, लेकिन साथ ही ये भी लिखा है कि प्रमोद महाजन पार्टी के लिए उद्योगपतियों से पैसा इकट्ठा करते थे.इतना ही नहीं प्रवीण ने प्रमोद महाजन को रंगमिजाज स्वभाव का नेता भी करार दे दिया. प्रवीण ने अपनी किताब में लिखा है कि प्रमोद महाजन को आडवाणी और वाजपेयी दोनों पसंद करते थे. प्रवीण महाजन की माने तो प्रमोद पर सत्ता का नशा इस कदर सवार था कि वो खुद को भावी प्रधानमंत्री के रूप में भी देखने लगे थे.भाजपा नेता और महाजन परिवार के करीबी रिश्तेदार गोपीनीथ मुंडे का कहना है कि वो इस मामले में गवाह हैं और जरूरत पड़ी तो कोर्ट में प्रवीण के उठाए सवालों का जवाब देंगे.

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