17 नवम्बर 2008 इंडो-एशियन न्यूज सर्विस श्रीनगर/जम्मू। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में अलगाववादियों की ओर से की गई चुनाव बहिष्कार की अपील और कंपकपाती ठंड के बावजूद सोमवार को बड़ी संख्या में मतदाताओं ने जबरदस्त उत्साह दिखाया। मतदान के आकंड़ों से ही मतदाताओं के उत्साह का अंदाजा लगाया जा सकता है। दोपहर दो बजे तक हुए मतदान के आंकड़ों के मुताबिक जम्मू क्षेत्र के मुंधेर में 60 प्रतिशत, पुंछ हवेली में 52 प्रतिशत और सूरनकोट में 42 प्रतिशत मतदान हुआ। लद्दाख के जांस्कार में 45 प्रतिशत, कारगिल में 42 प्रतिशत, नोबरा में 36 प्रतिशत और लेह में 32.2 प्रतिशत मतदान हुआ। कश्मीरियों ने बहिष्कार नहीं, मतदान किया पहले चरण में 10 विधानसभा क्षेत्रों के 1,064 मतदान केंद्रों पर मतदान की शुरुआत सुबह आठ बजे हुई। पहले चरण में गुरेज, बांदीपुरा, सोनावाड़ी, लेह, नोबरा, जांस्कार, कारगिल, सुरनकोट, मेंधर और पुंछ-हवेली विधानसभा क्षेत्रों में मत डाले गए। लद्दाख क्षेत्र के लेह, नोबरा, जांस्कार, कारगिल विधानसभा क्षेत्रों में कंपकपाती ठंड के बावजूद विभिन्न मतदान केंद्रों पर सुबह से मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं। वहीं अन्य जगहों में तेज ठंड के कारण शुरुआत में मतदान की प्रक्रिया अपेक्षाकृत धीमी रही। पहले चरण के लिए हो रहे चुनाव में 102 उम्मीदवार मैदान में हैं। वहीं मतदान के दौरान बांदीपुरा सीट के एक मतदान केंद्र पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें भी हुई। कश्मीर में चुनाव बहिष्कार का असर नहीं बांदीपुरा के पुलिस अधीक्षक शेख जुनैद ने ‘आईएएनएस’ को बताया कि “कुछ प्रदर्शनकारियों ने मतददाताओं को मत देने से रोकने की कोशिश की। मामले का संज्ञान लेते हुए हमने सभी चुनाव विरोधी प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया”। इसके अलावा सोनावारी विधानसभा क्षेत्र में पोशपोरा मतदान केंद्र पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के समर्थकों के बीच हुई झड़प के बाद मतदान स्थगित कर दिया गया। इस झड़प में सात लोग घायल हो गए थे। एक सरकारी माध्यमिक स्कूल भवन में बने मतदान केंद्र के सामने एकत्र लोगों के रुख से भी क्षेत्र के अन्य मतदाताओं की सोच का अंदाजा लगता है। बहिष्कार का लोगों पर कोई खास असर नहीं पड़ा है।
जम्मू-कश्मीर में पहले चरण का मतदान शुरु मोहम्मद अफजल नाम के 45 वर्षीय मतदाता ने कहा कि “बहिष्कार हमारी कोई सहायता नहीं करेगा। हमारे पिछले विधायक ने भी कुछ नहीं किया। हमारे यहां सड़कें, पेयजल और स्वास्थ्य केंद्र नहीं हैं,हम इस बार ऐसा प्रतिनिधि चुनेंगे जो वास्तव में हमारे लिए कार्य करे”। उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चुनाव सात चरणों में होगा। सोमवार को पहले चरण का मतदान हुआ।
2 comments:
good work
thank
helo brodher,
how r u ?
Post a Comment